यह मेरा:यह मेरा मीत का - YAH MERA YAH MERA MITH KA - Questions and Answers

Yah Mera Yah Mera Mith Ka - Class 7


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मौखिक

Q1 लेखक ने अपने शिक्षक को हार्ड टास्कमास्टर क्यों कहा?

उत्तर- लेखक ने अपने शिक्षक को ‘हार्ड टास्क मास्टर’ कहा क्योंकि शिक्षक के डर से वे लोग रोज की पढ़ाई रोज पूरी कर लेते थे|

Q2 धनी बालक में क्या विशेष गुण थे?

उत्तर- धनी बालक धनी होते हुए भी नम्र और नेक दिल का था| वह अपने मित्र से प्रेम करता था और इसी प्रेम के कारण उसने अपने पिता से कहकर अपने मित्र के खाने पहनने और पढ़ाई लिखाई के सारे खर्चे की व्यवस्था करा ली थी|

Q3 मित्र की निर्धनता देखकर धनी मित्र ने पिता से क्या कहा?

उत्तर- मित्र की निर्धनता देखकर धनी मित्र ने पिता से कहा यदि दरिद्रता के कारण मेरा मीत पढ़ लिख नहीं सकता तो मैं भी नहीं पढ़ूँगा, उसकी तरह मैं भी अनपढ़ और दरिद्र ही रहूंगा|

Q4 निर्धन मित्र राजमंत्री के पद तक कैसे पहुंचा?

उत्तर- निर्धन मित्र पढ़ लिखकर राजनीति,धर्मशास्त्र, अर्थशास्त्र, इतिहास, साहित्य, ज्योतिष आदि अनेक विद्याओं को प्राप्त कर अत्यधिक विद्वान के रूप में प्रतिष्ठित हुआ| उसकी प्रसिद्धि सुनकर उस राज्य के राजा ने अपने दरबार में उसका स्वागत किया और उसकी विद्वत्ता पर मुक्त होकर उसे अपना मंत्री बना लिया|

Q5 व्यापारी पुत्र द्वारा मंत्री पुत्र को दी गई शिक्षा का क्या परिणाम निकला?

उत्तर- व्यापारी पुत्र द्वारा मंत्री पुत्र को दी गई शिक्षा का परिणाम यह हुआ कि मंत्री पुत्र की बुद्धि खुल गई और वह चौगुना उत्साह के साथ अपना अध्ययन करने लगा|

लिखित

Q1 व्यापारी मित्र का व्यापार नष्ट कैसे हो गया?

उत्तर- एक रात अचानक डाकुओं ने व्यापारी मित्र के घर पर आक्रमण कर उसकी सारी संपत्ति लूट ली और उसके घर को भी फूंक डाला| जिसके कारण व्यापारी मित्र दाने-दाने का मुहताज हो गया|

Q2 मंत्री ने अपने मित्र की सहायता कैसे की?

उत्तर- महाराज प्रत्येक पूर्णिमा के दिन जो भी पहला याचक उसके सामने आता उसे सौ मुद्राएँ देते थे मंत्री ने अपने मित्र से कहा तुम कल रात राजमहल पहुँचना मैं राजा के सामने सबसे पहले तुम्हारे पहुँचने की सारी व्यवस्था करूँगा| इस तरह तुम्हें सौ मुद्राएँ मिल जाएँगे उससे तुम्हारा व्यापार भी शुरू हो जाएगा और परिवार का भरण-पोषण भी|

Q3 व्यापारी मित्र ने मंत्री के पुत्र को क्या समझाया?

उत्तर- व्यापारी मित्र ने मंत्री के पुत्र को समझाते हुए कहा अगर तुम एक-एक ज्ञान को विद्या और गुण को अपना समझ लो और अपने लिए तथा अपने मित्रों के लिए दिल और दिमाग में रखते जाओ तो छह वर्षों में तुम क्या से क्या बन जाओगे|

Q4 लेखक के सहपाठियों पर इस कहानी का क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर- लेखक के सहपाठियों पर इस कहानी का इतना प्रभाव पड़ता, सब में पढ़ाई लिखाई के प्रति एक नया उत्साह भर जाता| सब जी जान से पढ़ने लगते| स्वयं तो पढ़ते ही अपने साथ पढ़ने वाले को भी पढ़ाते|

Q5 इस कहानी का मुख्य संदेश लिखिए|

उत्तर- इस कहानी का मुख्य संदेश यही है कि हमें भी इस कहानी से प्रेरणा पाकर सह-पठन से पढ़ाई लिखाई में रुचि लेनी चाहिए| एक दूसरे की जिम्मेदारी लेनी चाहिए| जिससे आत्मविश्वास बढ़े और एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए, सहयोग से प्यार बढ़ता है|

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