मौखिक
Q1 खिलौने वाले की आवाज में क्या विशेषता थी?
उत्तर- खिलौने वाले की आवाज बहुत मीठी और स्नेह भरी थी| उसकी आवाज सुन सब खींचे चले आते थे|
Q2 लेखक ने खिलौने वाले के गाने को सागर की हिलोर जैसा क्यों कहा?
उत्तर- लेखक ने खिलौने वाले के गाने को सागर की हिलोर जैसा कहा क्योंकि जब खिलौने वाला गाता तो उसकी मदहोश करने वाली आवाज घर-घर, गली-गली, इस छोर से उस छोर तक लहराता हुआ आगे चला जाता था|
Q3 खिलौने देखकर रोहिणी हैरान क्यों रह गई?
उत्तर- खिलौने के इतने कम दाम सुनकर रोहिणी हैरान रह गई|
Q4 रोहिणी को मिठाईवाले का स्वर परिचित क्यों लगा?
उत्तर- रोहिणी को मिठाईवाले का स्वर परिचित लगा क्योंकि खिलौने वाला और मुरलीवाला जिस प्रकार मीठी और स्नेह भरी आवाज में गाता था मिठाईवाला भी उसी प्रकार गा-गा कर मिठाई बेच रहा था|
Q5 इस कहानी का कोई अन्य शीर्षक बताइए
उत्तर- मेरे विचार से इस कहानी का शीर्षक “बच्चों का प्यारा खिलौनेवाला” होना चाहिए|
लिखित
Q1 खिलौनेवाले की आवाज सुनकर इन पर क्या प्रभाव पड़ता था — 1) युवतियाँ 2) बच्चे
उत्तर- खिलौनेवाले की स्नेहपूर्ण आवाज सुनकर छोटे-छोटे बच्चों को अपने गोद में लिए हुए युवतियाँ चिकों को उठाकर छज्जों पर से नीचे झाँकने लगती और बच्चों का झुंड उसे घेर लेता|
Q2 “मुरलीवाला देर तक बच्चों को मुरली बेचता|” लिखिए- कैसे?
उत्तर- मुरलीवाला देर तक बच्चों को मुरली बेचता बच्चों के बीच में उसे रहना अच्छा लगता था| उसके पास कई रंग की मुरलियाँ थी| बच्चे जो रंग पसंद करते मुरलीवाला उसे वह मुरली दे देता| बच्चों से बातें करते-करते वह मुरली बेचता| उनकी तोतली आवाज सुनकर और बच्चों से प्यार पाकर वह बहुत खुश होता और अपने बच्चों को उन्हीं बच्चों में देख लेता था|
Q3 मिठाईवाला किसलिए मिठाइयाँ बेचता था?
उत्तर- मिठाईवाला एक प्रतिष्ठित व्यापारी था| किसी चीज की कमी ना थी| पत्नी, दो छोटे-छोटे बच्चे, खुशहाल जीवन था| लेकिन अब वह अकेला रह गया था| इसलिए वह मिठाईवाला बनकर अपने बच्चों की खोज में निकला था| बच्चों के बीच में वह अपने बच्चों की एक झलक पा लेता था| उसका मानना था कि उसके बच्चे भी इन्हीं बच्चों के बीच में जनमे होंगे|
Q4 रोहिणी मिठाई वाले से अधिक प्रश्न पूछने को आतुर क्यों थी?
उत्तर- मिठाईवाले की आवाज जानी पहचानी थी| जब रोहिणी के पूछने पर मिठाईवाले ने कहा वह पहले भी कई बार वहाँ आ चुका है| तब रोहिणी मिठाईवाले से अधिक प्रश्न पूछने को आतुर हो गई|
आशय स्पष्ट कीजिए
“पर हाँ संतोष, धीरज और कभी-कभी असीम सुख जरूर मिलता है| और यही मैं चाहता भी हूं”
इस पंक्ति का आशय यह है- मिठाईवाला एक प्रतिष्ठित और धनवान व्यक्ति था| उसका भी भरा पूरा परिवार था| किंतु अब वह अपनी पत्नी और दो सोने जैसे बच्चों को खो चुका था| उसका मानना था उसके बच्चे भी इन बच्चों में जन्म लिए होंगे| वह जगह-जगह जाता और कभी मिठाई, कभी मुरली और कभी खिलौने बेचता| जब बच्चे उसके पास आते तो वह उनमें अपने बच्चों को देखता और खुश हो लेता था| उसे बच्चों के बीच असीम संतोष, धीरज और सुख मिलता जो वह चाहता था|