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मौखिक
Q1 उस दिन को विशेष क्यों कहा गया ?
उत्तर- उस दिन को भारतीय क्रांतिकारी के इतिहास में विशेष कहा गया क्योंकि उस दिन तीन स्वतंत्रता सेनानियों को फाँसिंह की सजा सुनाई गई थी| राम प्रसाद बिस्मिल, राजेंद्र लाहिड़ी और रोशन सिंह|
Q2 हर रोज अब्दुल का व्यवहार कैसा होता था ?
उत्तर- हर रोज अब्दुल किसी का गाना सुनता था, किसी के साथ शतरंज खेलता था, पर आज वह चुप था|
Q3 हल्दीघाटी के योद्धा किस तरह की पोशाकें पहनकर युद्ध करने जाते थे ?
उत्तर- हल्दीघाटी के योद्धा अच्छी पोशाकें पहनकर युद्ध करने जाते थे|
Q4 क्रांतिकारियों द्वारा गीत गाने से क्या पता चलता है ?
उत्तर- क्रांतिकारियों द्वारा गीत गाने से हमें उनके दिल में अपने देश के प्रति जो जोश है उसका पता चलता है|
लिखित
Q1 अदालत जाने से पहले सब ने क्या-क्या तैयारियाँ की?
उत्तर- अदालत जाने से पहले सब ने आनुष्ठानिक तरीके से भोजन किया| सबने अच्छे-अच्छे कपड़े पहने, रोशन सिंह ने अपने इत्र की शीशी से सबको थोड़ा-थोड़ा इत्र लगाया| सब ने क्रांतिकारी गीत गाने शुरू कर दिए|
Q2 सब ने एक साथ भोजन क्यों किया ?
उत्तर- सब ने एक साथ मिलकर भोजन किया क्योंकि आज सब को सजा सुनाई जाने वाली थी| सबको मालूम था यह सब की अंतिम मुलाकात है|
Q3 फाँसिंह के कैदियों वाली तीन कोठरियाँ साफ करवाने की घटना से क्या पता चलता है ?
उत्तर- फाँसिंह के कैदियों वाली तीन कोठरियाँ साफ करवाने की घटना से हमें यह पता चलता है कि सभी कैदियों का वह अंतिम दिन था|
Q4 फाँसी की सजा सुनकर किस-किस की क्या-क्या प्रतिक्रिया हुई ?
उत्तर- फाँसी की सजा सुनकर राजेंद्र के चेहरे पर बाल सुलभ मुस्कान थी| बिस्मिल के चेहरे पर अवज्ञा का भाव था और रोशन सिंह ने हॅसते हुए हमें ऐसे देखा मानो वे तो सीधे स्वर्ग चले और हम रह गए|
आशय स्पष्ट कीजिए
Q1 “रोशन सिंह ने हॅसते हुए हमें ऐसे देखा मानो वे तो सीधे स्वर्ग चले और हम रह गए|”
उत्तर- इस पंक्ति का आशय यह है — अपने देश को आजाद करने के लिए हर एक स्वतंत्रता सेनानी अपनी कुर्बानी देने को तैयार था| लेकिन आजादी चाहता था| रोशन सिंह को जब फाँसी की सजा सुनाई गई तो हॅसते हुए उसे स्वीकार करता है क्योंकि वह अपने देश के लिए कुर्बान होने जा रहा था| उसके लिए इससे बढ़कर और कोई बात नहीं हो सकती थी इसलिए रोशन सिंह हॅसते हुए देखा मानो वे तो सीधे स्वर्ग चले और हम रह गए मानो हम तो चले अब देश की आजादी तुम लोगों के हाथों में है|