मैखिक:
Q1 वर्षा की पहली बूँद से धरती की प्रसन्नता किए प्रकार प्रकट होती है?
उत्तर- वर्षा की पहली बूँद से धरती जो कितने दिनों से प्यासी सी तृप्त हो जाती है। मृत धरती को जीवन मिल जाता है। वह जीवन पाकर इतनी खुश हो जाती है कि चारों तरफ अपनी खुशियों द्वारा हरियाली ही हरियाली फैला जाती है।
Q2 वर्षा ऋतु में बादल कैसे दिलाई पड़ते हैं?
उत्तर- वर्षा ऋतु में बादल ऐसे दिखाई पड़ते हैं। मानों समुद्र बिजलियों के पंख लगा कर आसमान में उड़ रहे हो|
Q3 आकाश और बादल को किसके समान बताया गया है?
उत्तर- आकाश को सागर के नीली आँखों के समान और बादल को काली पुतली के समान कहा गया|
Q4 कौन पुनः शस्य श्यामला होने को ललचाई है ?
उत्तर- बूढ़ी धरती शस्य — श्यामला होने को ललचाई है।
लिखित:
Q1 पावस ऋतु में निम्नलिखित में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं
1.धरती 2.वायु 3.दूब 4.पेड़-पौधे 5.पक्षी
उत्तर- पावस यानि वर्षा ऋतु मे धरती हरी-भरी और खिल जाती है। हरियाली के होने से वायु भी खुशी से झूमने लगता हैं| वायु के छूते ही कलियाँ खिलने लगती है और चारो तरफ सुगंध फैल जाती है| वर्षा के होते ही जो धरती सूखी थी, प्यासी थी, वह तृप्त हो रही है और धरती से दूब घास प्रसन्नता पूर्वक बाहर आ जाती है, चारों तरफ कालिन सा बिछ जाती है, प्रकृति खिल गई है| पेड़-पौधे जो पत्र विहीन थे उसमे पत्ते आ जाते है| चारो तरफ हरियाली ही हरियाली होती है| पक्षी भी हरियाली देख चहक रहे है, उसे भी राहत और शांति मिल गई है| इन सबको पाकर प्रकृति ने श्रृंगार कर लिया है| अब प्रकृति सुन्दर लग रही है|
Q2 धरती को ‘बूढ़ी’ कहने का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर- धरती को बूढ़ी कहने का तात्पर्य यह हैं कि जिस प्रकार इंसान बूढ़ा होने पर कमजोर और सूख जाता है ठीक उसी प्रकार धरती भी बिना वर्षा के बूढ़ी हो गई हैं, सूख गई है|
Q3 दिए गए अर्थ से संबंधित कविता की पंक्तियाँ लिखिए -
1. सूखी धरती पर वर्षा की एक बूँद अमृत के समान आकर गिरी।
2. नीले नयनों रूपी आकाश में काले बादल काली पुतलियों के समान प्रतीत हो रहे हैं।
उत्तर- 1. धरती के सूखे अधरों पर गिरी बूँद अमृत-सी आकर |
2. नीले नयनों- सी यह अंबर काली-पुलती से थे जलधर |