लाख की चूड़ियाँ - LAKH KI CHUDIYAN - Questions and Answers


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मौखिक

(क) लेखक बदलू को ‘काका’ क्यों कहता था ?

उत्तर-लेखक बदलू को काका कहता था क्योंकि गाँव के सभी बच्चे उसे काका कहते थे।

(ख) बदलू लाख की चूड़ियाँ कैसे बनाता था?

उत्तर- बदलू लाख पिघलाकर उसे मुलायम करता फिर उसे सलाख के समान पतला करके चूड़ी का आकार देता था |

(ग) बदलू का चूड़ियाँ बेचने का क्या तरीका था ?

उत्तर-बदल का चूड़ियाँ बेचने का वस्तु विनिमय तरीका था।

(घ) बदलू का काम बंद क्यों हो गया था?

उत्तर- बदलू का काम बंद हो गया क्योंकि सभी काँच की सुंदर चूड़ियाँ पहनने लगे थे। उसकी बनाई हुई चूड़ियों को कोई पूछता तक नहीं था।

लिखित

(क) लेखक को बचपन में क्या चाव था?

उत्तर — लेखक को बचपन में मामा के घर जाने का चाव था क्योंकि वहाँ से लौटने के बाद उसके पास ढेर सारी रंग-बिरंगी लाख की गोलियाँ होती थी। जो मन को मोह लेती थी।

(ख) बदलू को काँच की चूड़ियों से चिढ़ थी इसका क्या कारण था ?

उत्तर- बदलू को काँच की चूड़ियों से चिढ़ थी- क्योंकि जब से काँच की चूड़ियाँ आई थी, उसकी बनाई हुई चड़ियों को कोई पूछता तक नहीं था |

(ग) बदलू बचपन में लेखक की खातिर कैसे किया करता था?

उत्तर — बदलू बचपन में लेखक को मलाई और आम खिलाया करता था। वह रोज लेखकू के लिए एक-दो लाख की गोलियाँ बना देता। इस प्रकार वह उसकी खातिर करता था।

(घ) पाठ के आधार पर बदलू के स्वभाव के बारे में लिखिए |

उत्तर- बदलू स्वभाव से बहुत सीधा था। वह कभी किसी से झगड़ता न था । हाँ, शादी के अवसरों पर वह ज़िद पकड़ लेता और अपनी बात मनवा कर ही रहता | काँच की चूडियों से उसे बहुत चिढ़ था।

(ङ) बदलू ने अपना बनाया आखिरी जोड़ा क्यों नहीं बेचा?

उत्तर- बदलू ने आखिरी जोड़ा जमींदार साहब की बेटी के विवाह के लिए बनाया था। जमींदार साहब दस आने पैसे दे रहे थे जो बहुत कम था। उन्होंने सुहाग के जोड़े का महत्त्व नहीं समझा इसलिए बदलू ने आखिरी जोड़ा नहीं बेचा |

आशय स्पष्ट कीजिये:

1) जो सुंदरता काँच की चूड़ियों में होती है लाख में कहाँ संभव है |

उत्तर- इस पंक्ति का आशय यह है कि मशीन युग होने के कारण आज कल सभी कामे मशीन से होते है। मशीन कम समय में अधिक काम करती है | मशीन ने मानव की जगह ले ली है | खेत भी मशीन से जोते-जाते है | काँच की चूड़ियाँ भी मशीन में बनने के कारण, रंग बिरंगी और बहुत सुन्दर होती है। लाख की चूड़ियाँ हाथों से बनाए जाने के कारण इसे बनने में समय तो लगता है और कम मात्रा में बनते हैं। इनकी सुंदरता भी काँच की चिड़ियों जैसी नहीं होती । धीरे-धीरे इन चूडियों की मांग भी कम होती जा रही है

2) मशीन युग ने कितने हाथ काट दिए हैं।

उत्तर- मशीन युग के आने से, इसने मानव की जगह ले ली है। ये कम समय में अधिक उत्पादन करके सबकी आवश्यकताओं को पूरा करता है। इसकी माँग भी बहुत है। लेकिन इसके आने से हस्तकला कारीगरों की माँग कम हो गई है। उनके पास अब काम नहीं है। इतने हुनरमंद होते हुए भी वे लोग गरीबी में जीवन बिता रहे हैं। ऐसा लगता है मनो मशीन युग ने उनके हाथ काट दिए हैं।

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