लिखित
1. निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए
मैंने फूलों से माँगी ज़रा सी कोमलता
और चिड़िया से
उसका चुटकी भर आकाश
उत्तर- कोमलता हमेशा सबको प्रिय होता है, जो
सरलता और सहजता का प्रतीक है। कठोरता क्रुद्धता की पहचान है, यह किसी को पसंद नहीं
आती। इसलिए कवि ने फूलों से कोमलता माँगकर स्वयं भी कोमल बनने की चाह और चिड़ियों के
माध्यम से आकाश की ऊँचाई का अंदाजा लगाने की माँग की
है।
Q2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
(क) कवि ने सबसे वह देने को कहा,
जो उनके पास है किंतु फिर भी उसे किसी से कुछ भी क्यों नहीं मिला ?
उत्तर - कवि ने सबसे जो कुछ माँगा किसी से
कुछ भी नहीं मिला क्योंकि न देने के पीछे उन सबका अहंकार है और उन्हें डर भी.
था कि हमने कवि को दे दिया तो हमारे पास कुछ भी न रहेगा जब कि ऐसा नहीं
है।
(ख) 'हरियाली बाँटने' से कवि का
क्या तात्पर्य है?
उत्तर - हरियाली जीवन की सबसे अधिक और सुखपूर्वक
जीने का आधार है। हरियाली सुख सम्पन्नता का प्रतीक है। कवि का तात्पर्य यह है कि जितना
सुख बाँटोगे उतना अधिक सुख मिलेगा अर्थात् अंदर से उतने ही अमीर हो जाओगे ।
(ग) हरियाली बाँटने से हम अंदर से
हरे कैसे हो जाएँगे? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - हरियाली का मतलब ही खुशी होता है,
हमेशा खुशी तभी आती है जब हम कुछ भी बाँटते हैं अर्थात सुख मांगने से नहीं देने से
मिलता है। जो हमें अंदर से हराभरा कर देता है।
Q3. मूल्य आधारित प्रश्न -
माँगना क्यों उचित नहीं होता ? युक्तियुक्त
उत्तर दें।
उत्तर - माँगना उचित नहीं है क्योंकि माँगने
वाले का हाथ हमेशा नीचे होता है और देने वाले का हाथ हमेशा ऊँचा होता है। माँगना शर्म
महसूस कराता है और देना गर्व महसूस करवाता है। मानव अपने में इतना सामर्थ्यवान है कि
वह दूसरों के काम आए। इसलिए हमेशा कोशिश हो कि देने वाले बनो माँगने वाले नहीं।