मौखिक
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर बताइए
(क) पत्र किसने किसको लिखा है?
उत्तर- पत्र चारू ने स्मिता को लिखा है।
(ख) पर्व के तीसरे दिन किनकी पूजा
होती है?
उत्तर - पर्व के तीसरे दिन पशु-पूजा होती है।
(ग) मिलजुलकर पर्व मनाने की क्या
विशेषता है?
उत्तर - मिलजुलकर पर्व मनाने से खुशी तो मिलती
है। हम एक दूसरे से मिल पाते हैं और मिलकर पर्व मनाने से परिवार में भी समरसता आती
है।
(घ) ‘मट्दु' का क्या अर्थ होता है?
उत्तर – ‘मट्दु’ का अर्थ होता है गाय, बैल,
भैंस आदि पशु ।
लिखित
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
(क) पोंगल का त्योहार कब और क्यों
मनाया जाता है?
उत्तर - सूर्य जब दक्षिण से उत्तर दिशा में
संक्रमण प्रारंभ करता है तब उत्तर भारत में 'मकर संक्रांति' और दक्षिण भारत में पोंगल
मनाया जाता है। ये त्योहार नया साल और नए फसल की खुशी में मनाया जाता है।
(ख) इस पर्व की प्रमुख पूजा किस
दिन और कैसे होती है?
उत्तर - दूसरे दिन पर्व की प्रमुख पूजा होती
है। जिसे ‘सूर्य पोंगल' कहा जाता है। भोर होते ही सब स्नान करके नए वस्त्र धारण करते
हैं। घर के बाहर और आँगन में रंगों - फूलों से रंगोली बनाई जाती है। दूध - गुड़ और
नए चावलों की खीर बनाई जाती है। सर्व प्रथम ‘पोंगल' का भोग सूर्यदेव को अर्पित किया
जाता है और फिर सब प्रसाद ग्रहण करते हैं।
(ग) दक्षिण भारत की जल्लिकट्टू
परंपरा के बारे में लिखें।
उत्तर- ‘जल्लिकट्टू' यानि बैलों की दौड़'।
सारे बैल सजे-धजे होते हैं। उनके खुरों और सींगो पर रंग लगाया जाता है तथा माथे पर
तिलक और पीठ पर नया वस्त्र सजाया जाता है। लोग अपने बैलों को खूब अच्छा खिलाते-पिलाते
हैं और अपनी संतान की तरह उसकी देख- भाल करते हैं। फिर बैलों की दौड़ होती है।
(घ) भोगी पोंगल के दिन लोग क्या
करते हैं?
उत्तर- पोंगल के पहले दिन को ‘भोगी पोंगल'
कहते हैं। दीवाली की तरह इस दिन लोग घरों की साफ सफाई करते हैं। कूड़ा-करकट इकट्ठा
करके घरों के सामने बिलकुल पंजाब की 'लोहड़ी' की तरह आग जलाई जाती है।
(ङ) पोंगल पाठ के माध्यम से हमें
क्या सीख मिलती है?
उत्तर- इस पाठ के माध्यम से हमें भारतीय संस्कृति
से अवगत कराया गया है कि किस प्रकार प्रकृति में आने वाले परिवर्तन का हम पर्व मनाकर
स्वागत करते हैं। उसके हर एक वरदानों के लिए हम कृतज्ञता प्रकट करते हैं।